ब्रेन ट्यूमर जल्द निदान और तुरंत इलाज

 
ब्रेन ट्यूमर जल्द निदान और तुरंत इलाज

डा. सतनाम सिंह छाबड़ा
  डायरेक्टर
    न्यूरो एंड स्पाइन डिपाटमेंट
     सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली

शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है- दिमाग। दिमाग ही वह हिस्सा होता है जो कि शरीर को निर्देशित कर संचालित करता है। दिमाग शरीर को निर्देश देता है. समझने बूझने क ी ताकत देता है। लेकिन कई बार कुछ बीमारियां दिमाग को विकारग्रस्त कर देती हैं और दिमाग अपनी क्षमतानुसार काम नहीं कर पाता है। ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनके बारे में सुनते ही हमारे सामने मौत की तस्वीर उभर कर आती है। ऐसी ही एक बीमारी है-ब्रेन ट्यूमर। लेकिन अब मेडिकल जगत ने इतनी तरक्की कर ली है कि इस बीमारी को भी बहुत हद तक मनुष्य ने अपने काबू में कर लिया है। 
शरीर में छोटे छोटे सेल होते हैं, जो कि जरूरत के अनुसार बढ़ते हैं और बढ़ते-बढ़ते विभाजित होकर नए सेल को जन्म देते हैं। जब ये सेल पुराने हो जाते हैं तो मर जाते हैं और इनकी जगह नए सेल ले लेते हैं। लेकिन कई बार ये प्रक्रिया विपरीत हो जाती है। शरीर में जरूरत से ज्यादा सेल बनने लगते हैं। पुराने सेल मरते नहीं हैं कि नए सेल पैदा होते रहते हैं। ऐसे में ये अतिरिक्त सेल बढक़र एक ट्यूमर का रूप धारण कर लेते हैं। जब यह ट्यूमर दिमाग के किसी भाग में बन जाता है तो उसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। 

बीस से चालीस साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर कैंसर वाले ट्यूमर होने की संभावना रहती है। सामान्यत: मस्तिष्क में किसी भी चीज की वृद्घि होना बहुत खतरनाक माना जाता है और यह बात ब्रेन ट्यूमर के मामले में भी लागू होती है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं, हालांकि इसे कैंसर के आधार पर मुख्य रूप से दो वर्गोंं कैंसरजन्य और कैंसर रहित ट्यूमर में विभाजित किया जा सकता है। मेलाइनेंट (कैंसरस) व बिनाइन ट्यूमर (नान कैंसरस) 

बिनाइन ट्यूमर को पूरी तरह निकाल देने से रोगी ठीक हो जाता है। बहुत कम ही ऐसा होता है कि बिनाइन ट्यूमर दुबारा विकसित हो जाए और मेलाइनेंट ट्यूमर बन जाए। कई बार बिनाइन ट्यूमर भी जानलेवा साबित हो सकता है। मेलाइनेंट ब्रेन ट्यूमर में कैंसर के सेल होते हैं जो कि बहुत जल्दी विकसित होते हैं और आसपास की स्वस्थ सेलों को भी अपने चपेट में ले लेते हंै। प्राइमरी और सेकंडरी ट्यूमर में अंतर:- वे ट्यूमर, जो कि दिमाग की नसों में उत्पन्न होते हैं, उन्हें प्राइमरी ट्यूमर कहा जाता है। लेकिन जब शरीर के किसी अन्य भाग में पैदा हुआ ट्यूमर दिमाग तक पहुंच जाता है, तो उसे सेकंडरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। चिकित्सा विज्ञान में ब्रेन ट्यूमर के मुख्य कारणों का पता नहीं चल पाया है। आनुवांशिक संबंधों के विषय में दुनियाभर में शोध कार्य चल रहा है। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर का कोई विशिष्ट कारण नहीं होता है। 

  
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण 
सीधे उस भाग से संबंधित होते हंै जहां दिमाग के अंदर ट्यूमर होता है। उदाहरण के लिए मस्तिष्क के पीछे ट्यूमर के कारण दृष्टिï संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मस्तिष्क के बाहरी भाग में होने वाले ट्यूमर के कारण बोलते समय रूकावट की समस्या हो सकती है। ट्यूमर का आकार बढऩे के परिणास्वरूप मस्तिष्क पर बहुत दबाव पड़ता है। इस कारण सिर दर्र्द, उल्टी आना, जी मचलना, दृष्टिï संबंधी समस्याएं या चलने में समस्या, बोलते समय समस्या होना आदि लक्षण हो सकते हैं। कभी-कभी ट्यूमर की वजह से सिर में पानी इक_ा होने लगता है जिसको चिकित्सकीय भाषा में हाइड्रोसिफेलस कहते हैं। यह स्थिति मरीज के लिए खतरनाक हो सकती है।  

प्राय: ब्रेन ट्यूमर का निदान करना थोड़ा मुश्किल होता है क्यों कि इस में पाए जाने वाले लक्षण किसी अन्य समस्या के भी संकेत हो सकते हैं। बोलते समय अटकना, दवाइयों, नशीले पदार्थों या शराब का सेवन करने से भी हो सकता है। जब यह लक्षण बहुत तीव्रता के साथ उत्पन्न होने लगते हैं तो यह ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकते हैं। 

 ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षणों में एक है सिरदर्द। इसमें अक्सर सुबह उठते ही भयानक सिरदर्द शुरू हो जाता है जो दिन में धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। झुकने में, व्यायाम करने में सिरदर्द अधिक कष्टïकारी होता है। मानसिक व व्यक्तित्व बदलाव:- मरीजों के स्वभाव संबंधी व्यवहार व व्यक्तित्व में बदलाव पाया जाता है। मरीज को बोलने में तकलीफ महसूस होती है व स्मरण शक्ति भी कम हो जाती है। 

फोकल लक्षण:- इन फोकल लक्षणों जैसे साफ सुनाई न देना, कानों में कुछ बजने की आवाज सुनना, कमजोरी, बोलने व चलने में दर्द, मांसपेशियों पर घटता नियंत्रण, दोहरा दिखाई देना और घटती चेतना (सेंसेशन)आदि भी ट्ïयूमर के कारण हो सकते हैं। 

ब्रेन ट्यूमर का निदान:- 
रोगी का मेडिकल बैकग्राउंड और जांच के अलावा सीटी स्कैन और एम आर आई से ब्रेन ट्यूमर का निदान किया जाता है। ब्रेन ट्यूमर का इलाज-प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर के लिए सर्जरी उपयुक्त मानी जाती है। अधिकतर बिनाइन ट्यूमर जैसे मेनिंगियोमा,न् यूरोफाइब्रोमा, एकूस्टिक न्यूरोमा, पिट्यूटरी ट्यूमर को सर्जरी से आसानी से निकाला जा सकता है। मेलाइनेंट ब्रेन ट्यूमर में आसपास की सभी नसें इसकी चपेट में होती हैं इसलिए इसे पूरी तरह से नहीं निकाला जा सकता, लेकिन अधिकतर केसों में घटाया जाता है। 

मेलाइनेंट ट्यूमर के कई केसों में रेडियोथैरेपी की जाती है और कई केसों में रेडियोथैरेपी और केमोथैरेपी दोनों की जाती है। रेडियोथैरेपी के दौरान मरीज के प्रभावित भाग पर उच्च डोज वाली किरणें डाली जाती हैं व केमोथैरेपी के दौरान मरीज के शरीर में कई दवाइयां प्रवाहित की जाती हैं। ब्रेन स्टेम, आप्टिक नर्व के आसपास जैसे भागों में उत्पन्न बिनाइन ट्यूमरों के कई मरीजों के लिए गेमानाइफ सर्जरी (स्टीरियाटैक्टिक सर्जरी)उपयुक्त मानी जाती है। 

Sample Text